रविवार, 20 मई 2012

मैं पलवल (हरियाणा ) गया था...उसी बस में हरयाणवी ताऊ सफ़र कर रहा थातभी उनके बगल में बैठे यात्री ने बीडी जलाई और धुंआ ताऊ की ओर छोड़ दिया, ताऊ कुछ नहीं बोला !अचानक खिड़की से आई तेज़ हवा के कारण बीडी से एक चिंगारी निकलीऔर ताऊ की नई कमीज़ जल गयी, ताऊ फिर भी शांत रहा।ये सब देख कर उस यात्री को शर्म आ गई और सोचा कितना सबर वाला नेक इंसान है ! माफ़ी मांगने के अंदाज़ में उसने पूछा किस गावं के हो ताऊ ?ताऊ: क्यूँ अब गावं भी फुंकेगा के

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