रंग रंग राधा हुई, कान्हा हुए गुलाल
वृन्दावन होली हुआ सखिया रचे धमाल...
होली राधा शाम की और न होली कोए
जो मान रचे शाम रंग रंग न चडे कोए...
आसमान टेसू हुआ धरती सब पुखराज
मान सारा केसर हुआ तन सारा रुतुराज...
अंजुरी में भरपूर हो सधा रूप रस गंध
जीवन में अठखेलिय करता रहे बसंत...
*************
आशा है सबकी होली रंग बिरंगी खुशियों से भरी गुजारी हो
ऐसी ही खुशियाँ जीवनभर रंगती रहे आपके जीवन को....
वृन्दावन होली हुआ सखिया रचे धमाल...
होली राधा शाम की और न होली कोए
जो मान रचे शाम रंग रंग न चडे कोए...
आसमान टेसू हुआ धरती सब पुखराज
मान सारा केसर हुआ तन सारा रुतुराज...
अंजुरी में भरपूर हो सधा रूप रस गंध
जीवन में अठखेलिय करता रहे बसंत...
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आशा है सबकी होली रंग बिरंगी खुशियों से भरी गुजारी हो
ऐसी ही खुशियाँ जीवनभर रंगती रहे आपके जीवन को....
रंग रंग राधा हुई, कान्हा हुए गुलाल
जवाब देंहटाएंवृन्दावन होली हुआ सखिया रचे धमाल...
होली राधा शाम की और न होली कोए
जो मान रचे शाम रंग रंग न चडे कोए...
आसमान टेसू हुआ धरती सब पुखराज
मान सारा केसर हुआ तन सारा रुतुराज...
अंजुरी में भरपूर हो सधा रूप रस गंध
जीवन में अठखेलिय करता रहे बसंत...
आपके ब्लाग पर ये पंक्तियाँ पढ़कर प्रसन्नता हुई। शायद आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि ये दोहे मेरे लिखे हुए हैं। और 9 दोहों की एक शृंखला से लिये गए हैं। अगर आपको सारे दोहे चाहिये तो अवश्य संपर्क करें- धन्यवाद